Rumored Buzz on Shodashi
Wiki Article
हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।
Her representation is not static but evolves with artistic and cultural influences, reflecting the dynamic character of divine expression.
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
The path to enlightenment is often depicted being an allegorical journey, with the Goddess serving as the emblem of supreme electrical power and energy that propels the seeker from darkness to light.
यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।
It can be motivation that turns the wheel of karma, and that retains us in duality. It is actually Shodashi who epitomizes the burning and sublimation of those wishes. It can be she who permits the Doing the job from previous karmic designs, bringing about emancipation and soul flexibility.
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
In case you are chanting the Mantra for a more info certain intention, create down the intention and meditate on it five minutes in advance of beginning with the Mantra chanting and five minutes once the Mantra chanting.
संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।
इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं